Category: कविता

चम्मू चीटा

चम्मू चीटा चड्डी पहने, पढ़ने पहुंचे शाला । चड्डी तो थी नई- नई पर, नाड़ा ढीला ढाला। खेल- खेल में चड्डी उतरी, चम्मू जी शरमाये। दोस्त सभी उनकी कक्षा के, शेम- शेम चिल्लाये। घर आकर रोकर चम्मू ने माँ को हाल सुनाया। बेटे की हालत देखी तो, माँ का दिल भर आया। अब तो उसकी […]

दम तोड़ती हिंदी

सारे देश अपनी मातृ भाषा में बोले, हम है उनके पीछे लगे कितने भोले। हमने भारत को इंडिया बना डाला सारा महान इतिहास, हमने भुला डाला। सारे रिश्ते अंकल आंटी में सिमट गए अपनी संस्कृति अपनाने में हम, कितने तरस गए अपनी देशभक्ति जताने में हम शर्मसार हुए तभी पड़ोसी की चाल से देश में […]

 हाँ मुझे प्रेम है

हाँ मुझे प्रेम है उस नन्हें बच्चे से जो हँसते-हँसाते रोते-बिलखते कबाड़ के ढेरों से दो जून की रोटी ढूँढ रहा।। या कहूँ उस से प्रेम जो इक हया की चादर में लिपटाकर गली,नालों या बीहड़ जंगलों में वात्सल्यता की पुजारिन हाथों फेंकी गयी हो।। हाँ मुझे प्रेम उस माँ से भी है जिसने नौ […]

उत्तराखंड को जन्मदिन की बधाई

धरा गगन के प्यार दुलार की अनूठी ये मिशाल. भारत माँ ने पाया उत्तराखंड सरीखा लाल. भेजा है गिरिराज ने संदेशा बधाई का . लेकर आया है जिसे चंचल झोंका पुरवाई का. रुनक झुनक सुर सरिता नाचे दे दे लहरों की ताल. भारत माँ ने….सरीखा लाल रत्नाकर ने भेजा है सुंदर रत्नों का हार. दिग्बधुऐं […]

किस्सा कैश का

वाउचर-दर-वाउचर मिलाया जाता है, भूल सुधार को सिर खपाया जाता है। चार नहीं छ:- सात तक काम होता हैं, उदास मन ही अन्त में घर पहुँचाता हैं। तब काउंटर का तापमान गरमा जाता है, जब कैश दराज में कैश गड़बड़ा जाता है। मुन्नी की गुड़िया, मुन्ने का खिलौना, कैंशल हो जाता है बाहर खाना खाना। […]

चले लेखनी सदा ही ऐसी

चले लेखनी सदा ही ऐसी अंधियारा ही मिट जाये, फैला दो प्रकाश सदा तुम, कोहरा जिससे छंट जाये, सत्य पथ पर रहें अडिग हम, साहस से सदा ही डट जायें, चले लेखनी सदा ही ऐसी, अंधियारा ही मिट जाये,…. सच्ची लेखनी के प्रभाव से , सिंहासन भी हिल जाये, बिनते कूड़ा नन्हे हाथों को, बस्ता […]

भूख बड़ी या सैंसेक्स

तेल के महंगे होने पर भूखे बच्चों के रोने पर पत्नी का सोया क्रोध भड़का पति से बोली- काहे का लगाऊं तड़का पति ने दिमाग चलाया और समस्या का हल सुझाया गर्म कढ़ाई में पानी डाल भागवान उसी को सच्चा तड़का मान भागवान सुन पत्नी बौखलाई पति को लाल लाल आँखें दिखाई गैस महंगी है […]

अबकी बार दिवाली में

घर-आँगन का मैल हटाए, मन का तम भी टिक ना पाये दीप ज्योति से होकर उज्वल, जीवन सबके खिलते जाए सत्य शिरोमणि यथा योग्य, सब जन का आभार जताए ज्ञान-ध्यान का दीपक जल जाए, अबकी बार दिवाली में भूले-भटके रिश्ते जुड़ जाए, मन की गाँठे सब खुल जाए क्षमा सबकी गलतियाँ करके, अपनी भूलों पर […]

नयन, नयन की भाषा समझें, ऐसी सुनो ना मीत बनो

नयन, नयन की भाषा समझें, ऐसी सुनो ना मीत बनों, जितने गीत लिखूं मैं वनिता, तुम उनका संगीत बनो।। चाँद सा मुखड़ा देख तुम्हारा कोई भी बेसुध हो जाऐ, तुम्हारा यौवन देख रती भी पानी-पानी हो जाऐ, अधर तुम्हारे जैसे कोमल गुलाब की पखुंड़ियां हैं, जब मुस्काती मन ये कहता स्वर्ग से आयी गुड़िया हैं, […]

मानवता के दीप जलायें

आओ हम सब मिलकर अब, मानवता के दीप जलायें, रोशन करें हम जग को अब, आओ हम दीवाली मनायें, मन का अहंकार मिटायें, खुशियां हम मिलकर फैलायें, आओ हम सब मिलकर अब, मानवता के दीप जलायें,… दीप जले चाहे माटी के, या मोम बत्ती से हो रोशन, दीया बाती तेल से सीखें, मोम पिघलकर जग […]