Category: नन्ही कलम

मेरे लिए आप ही सबसे महान हो

मेरी दुनिया, मेरा जहान हो मेरे लिए आप ही सबसे महान हो अगर मेरी मां, मेरी जमीन है तो पापा आप मेरे आसमान हो, मेरे पिता, मेरी परछाईं हो। एक संभव हो आप एक विश्राम हो आप, आपसे है अस्तित्व मेरा पिता ये नाम हो आप मेरे पिता, मेरी परछाई हो आप। मेरी परछाई मुझे […]

सुन रहे हो ना मेरे पापा

पापा ने ही उंगली पकड़कर चलना सिखाया, सच और झूठ का फर्क बताया शब्द पहला निकला मेरे मुख से पापा सुन रहे हो ना मेरे पापा, काम हमारा आधी रात को भी करते हैं, यह उनके उपर कविता है जिनके उपर हम मरते हैं। जो मांगा पल में वह है पाया वह गुड़िया लादो, कार-स्कूटर […]

पिता होते बच्चों की परछाईं

जैसे मां होती बच्चों की फुलवारी वैसे ही पिता होते बच्चों की परछाईं खिलौने लाते सदा पिताजी, डांटकर मनाते सदा पिताजी, सबके पिताजी एक हमारे पिताजी हमारे लिए लाते नमकीन बिस्कुट और केक पिता होते बच्चों की परछाईं पर कभी-कभी बच्चे कर देते उनकी बुराई बच्चे और पिता का रिश्ता होता है अनोखा दुनिया में […]

पिता भगवान का रूप

हमारे मन में रहता है एक इंसान, जिसको दर्जा देते मानते उसे अपना भगवान वो हैं हमारे पिता अपना दुख सबसे वह छुपाते हैं, अपने परिवार को वो दुख में नहीं देख पाते हैं बिना बताए वो हर बात जान लेते हैं, हमारे पापा हमारी हर बात मान लेते हैं। हमारे मन में रहता है […]

हमारे सपने को साकार करता वो परिंदा

खुले आसमान में हमारे सपने को साकार करता वो परिंदा जिसे जानते लोग अनेंकों नामों से अलग-अलग धर्मों से हैं। अलग-अलग भाषाएं हैं अलग-अलग गाथाएं कहीं अब्बू कहीं पापा तो कहीं और नामों से है वो जाना जाता सबसे प्यारा है वो पिता हमारा जिसकी गोद में देखी पूरी दुनिया उसकी बात ही बता रहा […]

बहुत प्यार वो हमको करते

पापा मेरे जान से प्यारे सारे जग से हैं वो न्यारे बहुत प्यार वो हमको करते डांट में उनकी हम हैं डरते सच्चाई का पाठ सिखाते सही राह पर हमें चलाते, कर्ता-धर्ता हैं वो घर के वही हमारे पालनहारे पापा मेरे जान से प्यारे सारे जग से हैं वो न्यारे उनके जैसे बनूंगी मैं भी […]

सबसे प्यारे मुझे तुम हो मेरे पापा

पापा पापा ओ मेरे पापा, सबसे प्यारे मुझे तुम हो मेरे पापा। छोटा था जब दुनिया में आया, गोद में लिया था तुमने मेरे पापा। तब से बन गया था मैं पापा का दीवाना मैं तो हूं अपने पापा का प्यारा पापा……मेरे पापा। शब्द पहला निकला मेरे मुख से था पापा, पापा। सुन रहे हो […]

शहरों की उंची इमारतों में गांव जैसे पापा

अनुशासन की चाबुक पापा अंदर से हैं भावुक पापा गर्मी की तपती धूप में छांव जैसे पापा शहरों की उंची इमारतों में गांव जैसे पापा मेरे बचपन की जिम्मेदारी दौड़म दौड़ निभाते पापा कपड़ा लत्ता कापी बस्ता बड़ी याद से लाते पापा अपनी चिंता की कोठरिया में सारा घर समाते पापा। कैसे करनी सबके मन […]

देखा है मैंने एक फरिश्ता मेरे पिता के रूप में

मुझे छांव में रखा, खुद जलते रहे धूप में हां देखा है मैंने एक फरिश्ता मेरे पिता के रूप में, प्रेम के सागर से पूरे संसार को सींचा है, वो मेरा संसार रूपी एक बगीचा है मुझे छाता ओढ़ाकर, खुद भीगे हैं वो बरसात में जो खराब हो तबियत मेरी, तो जागे हैं वो पूरी […]

पिता हमेशा बने रहते हैं सबकी परछाईं

सबसे बड़े दिलदार हैं, पिता जिंदगी के सबसे प्यारे किरदार हैं, परिवार पे अगर को ई आफत है आई, पिता हमेशा बने रहते हैं सबकी परछाईं। कंधे पर बिठाकर मेले दिखाते हैं, मुझसे भी ज्यादा कामयाब हो बेटा ये चाहते हैं, मुसीबतों से लड़ना सिखाते हैं, खुशकिस्मत लोग ही पिता जैसा गुरू पाते हैं, मुझे […]