Category: नन्ही कलम

पापा मेरी नन्ही दुनिया

पापा मेरी नन्ही दुनिया, तुम्हारे साये में ही पली-बढ़ी, आज बड़ी हो गई है। आपने समझाया, रख हौसला, न देख पीछे यह संसार बौना है, आसमां का कद भी तुझसे छोटा है। जब पाओ खुद को अकेला, न घबराना मेरी बिटिया, तेरे पिता का साथ हमेशा है। न पीछे हटना, न डरना, न झुकना, तुझे […]

मेरे पिता मेरा जीवन…

सच कहूँ एक बात तो है छत हो ना हो, पिता का हाथ सर पर होना जरूरी है। जैसे पेड़ खड़ा नहीं हो सका बिन किसी आधार के, वैसे ही मुश्किल होता है बुलंदी पाना बिन पिता के। है दरियादिली अंदर जिसके भरी अपार, पिता तो है जो कराता है जीवन की नैया पार। उठा […]

वो मेरे पापा है

चेहरे पर थकान व हाथों में सामान लिए पर घर वापस आते है होठों पर मुस्कान लिए जो काम के चक्कर में खाना भी भूल जाते हैं, वो मेरे पापा हैं। मम्मी और मेरी शौपिंग हमेशा जारी रहती है पर पापा की सालों तक वही अलमारी रहती है जो अपने लिए कभी कुछ नहीं खरीदते […]

रोटी है, कपडा है, मकान है पिता

पिता रोटी है, कपडा है, मकान है, पिता नन्हे से परिन्दें का बडा आसमान है। 2।। पिता है तो घर मे प्रतिपल राल है, पिता से माॅ की चूडी , बिन्दी और सुहाग है। पिता है तो बच्चों के सारे सपने है, पिता है तो बाजार के सब खिलौने अपने है। -प्रेमा बिष्ट, संजयनगर बिंदुखत्ता

बच्चों के संग बच्चे पापा

प्यारे पापा, सच्चे पापा, बच्चों के संग बच्चे पापा। बच्चों की खुशी के लिए, हर गम को सह जाते पापा। उंगली पकड़ के सिखलाते हैं, जब तक हम चलना न आता है। अपने प्यारे बच्चों के लिए, एक प्रेरणा बन जाते पापा। जिंदगी की कड़ी धूप में, साये जैसे रहते पापा। इस धरती पर ईश्वर […]

हमारी खुशी के लिए अपनी सेहत भी ना देखी

बिना बताए सब जान लिया, बिना बताए सब कर दिया, हमारी खुशी के लिए अपनी सेहत भी ना देखी हमारे सपनों के लिए अपनी रातों की नींद भी न देखी। हमारे भविष्य के चक्कर में, हर वक्त सोच में रहते हैं, जो वो ना देख सके, वो हमको दिखाना चाहते हैं। पता नहीं क्यों हमारी […]

वो सूरत बिन भावो की

वो सूरत बिन भावो की वो मूरत थोड़ी सख्त है मै छोटी सी देवी हू उनके घर की वो इस देवी के भक्त है बचपन से लेकर अभी तक अपनी ये उंगली आपने मुझे थमाई है पर बड़ी हो गई हू ना तो हर वक्त भूल जाती हू कि जब जब आपका साथ है छूठा […]

कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता

कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता, कभी धरती तो कभी आसमान है पिता। अगर जन्म दिया है मां ने, जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता। कभी कंधे पे बिठाकर मेला दिखाता है पिता, कभी बनके घोड़ा घुमाता है पिता, मां अगर पैरों पे चलना सिखाती है, तो पैरों पे खड़ा होना सिखाता है […]

मां-बाप को भूलना नहीं

दूसरा सब भूल जाओ, पर मां-बाप को भूलना नहीं। उनके अनगिनत उपकार हैं, उनको कभी भूलना नहीं, असभ्य वेदना सहकर तब माने तुम्हारा मुखड़ा देखा। उस अमृत देने वाली मां के सामने तुम कभी जहर मत उगलना। जिसने तुम्हे लाड़लड़ाए और तुम्हारी सब इच्छाएं पूर्णं कीं। उनके पुनीत चरणों को चाहना, कभी भूलना नहीं, कभी […]

मैं तो हूं अपने पापा की प्यारी रानी

पापा पापा ओ मेरे पापा सबसे प्यारे मुझे तुम हो मेरे पापा। गोदी में लिया था तुमने मेरे पापा, तब से बन गई थी मैं, पापा की दीवानी मैं तो हूं अपने पापा की प्यारी रानी। शब्द पहला निकला मेरे मुख से था पापा सुन रहे हो ना मेरे पापा। उंगली पकड़कर चलना सिखाया था, […]