Category: नन्ही कलम

जिनसे मेरे जीवन में खुशियां आईं

मेरे पिता, मेरी परछाईं जिनसे मेरे जीवन में खुशियां आईं। मुझे छांव में बैठाकर खुद, धूप में मेहनत करते हैं पिता। मां रसोई संभालती है तो, हमारी जरूरतों को पूरा करते हैं पिता। प्यार न दिखाकर भी, सबसे ज्यादा प्यार करते हैं पिता। मां ममता का सागर है तो, जीवन का सहारा है पिता। छोटी-छोटी […]

कुबेर सा खजाना हैं पापा

कुबेर तो नहीं, कुबेर सा खजाना हैं पापा आसमान तो नहीं आसमान सी छत हैं पापा। खुदा तो नहीं, फिर भी हर ख्वाहिश पूरी करते हैं पापा। गौतम बु़द्ध तो नहीं, फिर भी हर गलती की माफी देते हैं पापा। महर्षि दधिचि तो नहीं, फिर भी हमारे लिए अपने सुख त्यागते हैं पापा। जज तो […]

ईश्वर के वरदान हैं ये

ईश्वर के वरदान हैं ये, सभी गुणों में महान हैं ये, इनका हरपल सम्मान करो, न कभी तुम अपमान करो। मेरा अभिमान हैं पिता, मेरा सम्मान हैं पिता, मेरी ताकत मेरी पूजा, मेरी पहचान है पिता। इनका स्थान कोई न ले पाए, इनके बिना परिवार न चल पाए, जीवन के सारे सुख छिन जाएं, जब […]

पिता घर का अस्तित्व होते हैं

मां घर का गौरव तो, पिता घर का अस्तित्व होते हैं। मां के पास अश्रुधार तो, पिता के पास संयम होता है। दोनों समय का भोजन मां बनाती है तो जीवन भर भोजन की व्यवस्था करने वाले पिता होते हैं। कभी चोट लगे तो मुंह से ‘ओह मां’ निकलता है रास्ता पार करते वक्त कोई […]

मेरे पिता जो है मेरी छाया

बचपन में उंगली थामकर जिसने चलना सिखाया, मुझको कलेजा समझकर सीने से लगाया। चेहरे से परेशानी छिपाकर मुझको हंसाया, वो ऐसे इंसान हैं, जिसने हर मंजिल साथ निभाया, जिसने अपने परिवार को लड़ना सिखाया। मेरे पिता जो है मेरी छाया। मैं भूल न पाउंगी वो बचपन के दिन, जब मुझे देखकर मुस्कराते थे पापा। जिंदगी […]

मेरे पापा मेरी पहचान हैं

दुनिया ने दिए जिन्हें ढेरों नाम हैं, होते उनके अनेकों काम हैं। दिल में दर्द मगर चेहरे पर मुस्कान है, मेरे पापा मेरी पहचान हैं। मेरी दुनिया मेरा जहान हैं, मेरी जमीन मेरा आसमान हैं। हां वो अपना दुख किसी को बयां नहीं करते, इसीलिए तो मेरे पापा मेरा सम्मान हैं। कभी मेरा बाजार तो […]

मेरे दिल में रहते पापा

मेरे दिल में रहते पापा मेरी छोटी सी खुशी का ध्यान रखते पापा, इच्छा पूरी करते पापा। जो खाने का मन करता वो लाते पापा, जो पहनने का मन करता वो लाते पापा। मुझे दुलार करते पापा, मेरे दिल में रहते पापा। मेरे पापा प्यारे पापा, मेरी परछाईं बनकर रहते पापा। -लक्षिता बिष्ट, जीआईसी गैरखेत

आपकी याद आ ही जाती है पापा

चाहे कितने भी पास या दूर हूं मैं, आपकी याद आ ही जाती है पापा। रात की नींद में, सपनों के बीच में आंखें ढूंढें तुम्हें ये कैसा नाता है। न कर्ज में डूबता है, न कोई बचता है। न कोई हारा है, न कोई जीता है। खुशी होती थी मुझे, खुश होया करते थे […]

बेटियों के प्यारे पापा

पापा मेरे पापा, स्कूल चलाते हैं, मुझको प्रिंसेस और बहन को एंजिल बुलाते हैं। बेटियों के प्यारे पापा, कभी सेवा न करवाते हैं, जब पैर छूने को कहे कोई, तो बेटियां पैर किसी के न छूतीं, नमस्ते करना सिखाते हैं। जब कोई ख्वाहिश करती है बेटी, चाहे कुछ हो जाए पूरा उसे कराते हैं। पापा […]

पिता ने दुनिया से लड़ना सिखाया

पिताजी ने चलाना सिखाया, खेलना सिखाया, पढ़ना सिखाया, और सबसे अच्छा उन्होंने दुनिया से लड़ना सिखाया। डांटने के बाद उन्होंने हंसना सिखाया, वक्त बीत जाने पर मैं सबकुछ भूल गई, जो त्याग पिताजी ने किया वह भी मैं भूल गई। इसलिए मैंने सोचा कि कभी न कभी पिताजी का मान बढ़ाउंगी। उनकी छाती गर्व से […]