Category: कविता

माँ

माँ तुम हर पल रचती हो मुझे, भ्रूण से लेकर आज तक संभालती रही हो तुम, तुम्हारा चित्त, तुम्हारी चिंता, तुम्हारा चिन्तन, तुम्हारी चाहत, तुम्हारा चूल्हा-चौकी, मैं हूँ तुम्हारी पूजा, मनौती और व्रत भी मैं हूँ। मैं जब एक कदम बढ़ता हूँ, तुम दस कदम बढ़ती हो, मेरी एक सफलता पर घर के देवी-देवता से […]

मेरी मां

मैं इतनी अच्छी तो नहीं पर करोड़ों में एक है मेरी मां, मेरी गलतियों की फीकी चाय को पीने वाली है मेरी मां मेरी कमियों के बिखरे रंगों को इंद्रधनुष कहने वाली है मेरी मां मेरी नाकामियों के धुएं को हौसलों के अंगार में बदलने वाली है मेरी मां, मेरे आंसुओं के नमकीन पानी को […]

विकास और हम

विकास और हम विकास तो बना हुआ है, सामन्तवादी परिपाटी, आजादी मिली मगर, दीवार अभी ना पाटी । ब्लैक कीै मदिरा पीने वाले, राशन का ढूंढे सस्ता गल्ला, बी पी एल कार्ड जेब डाले, घूमता बढे घर का निठल्ला। ऊंच नीच की बढती खाई, नेताजी के वोट का हल्ला, जनता तो बस घूम रही, डाल […]

शब्द

शब्द बना भावों का माघ्यम अर्थ घनेरे होते हरदम शब्दों की है अपनी महिमा और रूप निखरता चंदा सम इतिहास सदा ये रचते हरदम बीती बातें कहते संग हम अपने रूप को कभी न खोते इनके अर्थों में है इतना दम पर कुछ शब्द मन घायल करते बस दिल तोडे़ करे आँखें नम शब्दों का […]

तुम बिन सूना सावन मेरा, सूने लगते झूलें हैं

तुम बिन सूना सावन मेरा, सूने लगते झूलें हैं, तुम बिन फागुन सूना मेरा, सूने लगते मेलें हैं, तुम बिन, तुम बिन, तुम बिन, तुम बिन ना पूछो क्या हैं तुम बिन, तुम बिन नींद अधूरी मेरी, तुम बिन स्वप्न अकेले हैं।। तुम बिन गाँव का पनघट सूना, सूना उसका यौवन हैं, तुम बिन घर […]

होली का श्रृंगार ठिठोली

हास्य व्यंग की अद्भुत पाठशाला है होली ठिठोली का पुख्ता आलम हमजोली शबनम कहती भीगत हैं गात ना सताइये ये रंगो-बरसात ना लाइये बसंती जामुनी गेहुऐं रंग भरकर हरित श्यामा अंगूर चासनी लेकर बांसुरी की धुन,थामे राग के घेवर कोपलों के छा गये हैं साख पर जेवर। सालती है रात, मत जगाइये सकुचाती है गात […]

फागोत्सव

सुहानी धूप आयी है सहेजे खुशियां लायी है हंसी रंगीन गुलाबी मौसम में, सखि ! यह फाग आया है महकती सुन्दर वादी हैं ह्रदय में हलचल जारी है कहीं सुन्दर सलोने रूप में, कोई दिल को चुराता है सुहानी धूप आयी है सहेजे खुशियां लायी है तन में छा रही मादकता है यह संकेत होली […]

लाया है संदेश फाल्गुन सुहाना

लाया है संदेश फाल्गुन सुहाना, अनपूरे सपनों को प्रिये भूल जाना। – सुमधुर मिलन लेके आता है ये दिन, स्वागत मे रखना ,अबीर और चंदन, इस पावन वेला मे वेसुध न रहना, धूंधट मे धुट धुट के आहें न भरना। हँसती उमंगों का दिल ना दुखाना, अनपूरे सपनों को प्रिये भूल जाना लाया है…………. रंग […]

खेलूं कान्हा संग होली

रंगों के बादल बरसे, सखियां पानी-पानी। चपल श्याम हाथ न आवे, भीगे राधा रानी। सोच रही अब राधा रानी, भर-भर कर सिसकारी। जो श्याम को भिगो सके, लाउं कहां से पिचकारी। गोपी संग झूमे कन्हैया, करते हैं बर जोरी, आंख तरेरे राधा रानी, चुपके चोरी-चोरी। रंग रसिया यह आंखें चंचल, माने कहां निगोरी, यमुना तट […]

आ गया फाग

आ गया फाग | छिड़ गया राग || गोरी की बदली चाल | जब हुए गाल लाल || उढ़ गयी चदरिया | बेरिन बीच बजरिया || जो गिर गया गुलाल | अंग-अंग हुआ बेहाल || छेड़ रही बंसती तान | भंग में फसी जान || आ गया फाग | छिड़ गया राग || बच्चा – […]