Category: कविता

करो सम्मान नारी का

-डॉ. गुंजन जोशी, हल्द्वानी, उत्तराखंड करो सम्मान नारी का, तो हो उद्घार देश का जन्मदाता है वीरों की, ये है आधार देश का।। एक नारी ही नारी को, संवार सकती है एक दूसरे का साथ बन,भव पार करती है। इस भूमि सी निश्छल है, सब पाप ढोती है फूल और काटों से शोभित, पावन धरती […]

बेटी का प्यार

-अंजलि, भवाली काश माँ मैं तितली होती, आजादी से घूमती रहती। सुबह-सुबह माँ मैं उड़ जाती फूलों से रंग चुरा के लाती। बन जाती तेरे होठों की खुशी, काश माँ मैं तितली होती। रंग बिरंगे फूलों से मैं श्रिंगार तुम्हरा करती माँ। तुमको हमेशा हँसाती में, रूलाती कभी ना। काश माँ मैं तितली होती, हवा […]

ये सावन

-बीएस गौनिया ये सावन तुम्हारे हमारे लिए हैं ? या यूँ ही वहम इसे मैं समझ लूँ… बोलो… बारिस की छुवन लगे तन-मन अगन जो तुम ही नहीं तो ये कैसी लगन… बोलो… ये सावन तुम्हारे… ये कारी घटा लागे अद्भुत छटा मन क्यों मयूरा नाचे पंख हटा… बोलो… ये सावन तुम्हारे… ये प्यासा सावन […]

हरेला पर्व को यादगार बनाएं

-बीना सजवाण, हल्द्वानी हरेला पर्व की इस पावन बेला पर, अपनी संस्कृति आगे बढ़ाएं, पेड़ लगाए प्रकृति बचाएं, हरेला पर्व को यादगार बनाएं।। चारों धर्म की हो एक ही कहानी, भारत में फैलाए हरियाली, सबकी हो यही शिक्षा, प्रकृति की करनी है रक्षा।। हर मंदिर में बैठे यही प्रसाद, पेड़ पौधे और खाद। हर मस्जिद […]

बारिश

-डॉ. शबाना अंसारी, भीमताल बूंद बारिश की हवा की सिमत गिरती है दोनो मिलके मौसम की बहारो को दोवाला करती है तुमको मुड़ना था हवा के रुख के साथ हम वही पर कहीं तुमको इंतजार करते मिल जाते मौसम की खुमारी में हमारे साथ होने से वो सारे दाग धुल जाते जो हम दोनो पे […]

पेड़ लगाएं धरती बचाएं

-बीना सजवाण, हल्द्वानी पेड़ लगाएं धरती बचाएं आओ मिलकर पर्यावरण दिवस मनाए। पेड़ पौधे हैं लाभकारी पर्यावरण के लिए है हितकारी।। मन में करो कुछ मनन जिससे पर्यावरण का ना हो हनन पेड़ों की जब करोगे रक्षा तभी पर्यावरण होगा अच्छा।। हे मानव जीवन सुरक्षित चाहते हो तो करो यह समझदारी पर्यावरण सुरक्षा की हर […]

एकता यहाँ की पहचान

-भुवन बिष्ट, रानीखेत यह पावन धरा है भारत भू की, एकता यहाँ की है पहचान। होली ईद मनाते गुरूपर्व दिवाली, क्रिसमस भी है हमारी शान।। राम रहीम प्रभु ईशु मसीह का, होता नित नित ही गुणगान। यहाँ भाईचारा हर जन मन में, हम करते एक दूजे का सम्मान। यह पावन धरा है भारत भू की, […]

धरती माँ

-अंजलि, हल्द्वानी माँ हूँ इसका मतलब ये, नहीं के सारे दर्द सहूंगी। तुम पेड़ो को काटते रहो और मे देखती रहूँगी। मुझे भी दर्द होता हैं में भी रोती हूँ। ना काटो पेड़ो को कहती हूँ चलने दो ठंडी हवाये। आंधी का रूप ना लेने दो, माँ हूँ इसका मतलब ये नही सारे दर्द सहूंगी। […]

एक दिन का योग

-ललित भट्ट, हल्द्वानी 21 जून है दिवस आज कर रहा है विश्व योग, एक दिन में ही प्रकृति संघ बनाना चाहें संयोग, थोड़ा संशयी और अचंभित हूं मैं, एक दिन के ही योग से कैसे भागेंगे रोग।। नित्य करें जो हम योग व शारीरिक कर्म, स्वत: ही दूर हो जाएंगे हमारे सारे मर्म, दौड़ भाग […]

योग पर दोहे

-रमेशचन्द्र द्विवेदी, हल्द्वानी (०१) योग दिवस पर योग का, करें आज संकल्प। रहें  निरोगी  हम सदा, मिलता नहीं विकल्प।। (०२) योग  नहीं  संयोग  है, इसका   करें   प्रयोग । काया सबकी  पुष्ट हो, मिट  जाये  सब रोग ।। (०३) रोज – रोज  के योग से, काया  हो  मजबूत । रोग – दोष  सब  दूर हों, कहते  […]