Category: कविता

एक पिता

अपनी हसरतों को वह दबाता रहा सामने रहा और नज़रें चुराता रहा हाल -ए- दिल किसी ने पूछा तो सलीके से बहाने वह बनाता रहा बड़ी मुश्किल से आह निकली होगी अपने गम को ही वह गुनगुनाता रहा बच्चों की ख्वाहिश है पूरी हो सके बेचारा दिन रात मेहनत करता रहा शायद आज बहुत थक […]

पिता के चरणों में आज शीश नवाएं

पिता के चरणों में आज शीश नवाएं आओ मिलकर सब पितृ दिवस मनाएं। पापा का ना करना कभी अपमान, वो तो होते हैं हमारा स्वाभिमान। मेरा साहस मेरी शान है पापा, मेरे संस्कार और मेरी पहचान है पापा। मेरी हिम्मत और मेरा मार्गदर्शक है पापा, धैर्य और संघर्ष की मिसाल है पापा। दुख चाहे कितना […]

मेरे पिता मेरा अभिमान है

पिता जीवन है संबल है शक्ति है। पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है। पिता अंगुली पकड़े बच्चे का सहारा है। पिता कभी कुछ मीठा है तो कभी कुछ खारा है। पिता पालन-पोषण है पिता परिवार का अनुशासन है। पिता भय से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है। पिता रोटी है कपड़ा है मकान है। […]

पापा मैं हूबहू आप सी दिखती हूँ

कोई देख ले मुझे तो तुरंत पहचान जाता है आपकी बेटी का चेहरा याद आपकी दिलाता है, जब लोग कहते हैं पापा कि मैं हूबहू आप सी दिखती हूँ तब मैं खुद को गौरवान्वित महसूस करती हूँ, जब भी याद करती हूँ आपको तो मन खुशी से भर जाता है आभारी हूँ ईश्वर की कि […]

फरिश्ता है पिता

एक फरिश्ता है पिता,खुदा ने जिसको बनाया। दिल मे जिसके बेपनाह,प्यार ही प्यार समाया। हर घर की बुनियाद का,पत्थर उसको बनाया। मन-मंदिर से नर्म उन्हें बाहर से कड़क बनाया। मुश्किलों भरी धूप में,पल-पल उनको तपाया। तकलीफ अनन्त देकर,सहनशील उन्हें बनाया। बरगद सी शीतल छाया व आश्रय उनमे समाया। नदियों सा अविरल व अनुशासित उनको बनाया। […]

मेहनत बहुत करते हैं पापा

रोज सवेरे उठ जाते पापा आफिस अपने जाते पापा। मेहनत बहुत करते हैं पापा पर हमको नहीं जताते पापा। मेरी इच्छाओं की खातिर स्वयं की इच्छाएं मिटा देते पापा। कितने ही उतार-चढ़ाव आए जीवन में डटकर सामना करते पापा। हर घर की छत होते पापा हर घर का आधार हैं पापा। जीवन कितना संुदर है […]

धूप में ठंडी छांव का साया पिता

पिता है चमकती धूप में ठंडी छांव का साया, जिसने समाज के बीच हमें चलना सिखाया। यह है वो वृक्ष, जिसने हर मौसम है झेला, फिर भी हमें, ताजा-मीठा फल पहुंचाया। जिसने बाहर चुप रहकर कठिन परीक्षा दी, फिर भी घर हंसता चेहरा लेकर वापस आया। स्वयं तो चैन की सांस भी ना ली, फिर […]

पिता से बढ़कर दुनिया में कोई ना महान

मेरे पिता मेरी पहचान हैं, जिन्होंने दिया मुझको अपना नाम हैं। पिता से बढ़कर दुनिया में कोई ना महान हैं। पिता है तो रोटी,कपड़ा,मकान हैं, बिना उसके रहना दुनिया में ना आसान हैं। ऊँगली पकड़कर चलना जिसने सिखाया है वह पिता ही हैं जिसने मुझे मेरा मार्गदर्शन करवाया हैं। मेरे सारे दुखो और कष्टों का […]

कभी जब भी मेरे पापा ; मेरे नजदीक आते थे

कभी जब भी मेरे पापा ; मेरे नजदीक आते थे; पकड़के अंगुलियां पापा; मुझे चलना सिखाते थे| बहुत अद्भुत था वो बचपन; सुधा सा प्यार मिलता था; हमारी मांग पे पापा; हमें सब कुछ दिलाते थे||1|| पकड़ के हाथ आंगन में; झुलाते थे मेरे पापा; बिठा के अपने कंधे पर; घुमाते थे मेरे पापा| बताओ […]

पापा मेरे सबसे प्यारे

हैं पापा मेरे सबसे प्यारे, पूरे करते अरमान हमारे। हैं वो सबके आंखों के लाल, उन्हें देखे बिना नहीं होती, दिन की शुरूआत। दोस्ती उनकी इतनी गहरी, उनके लिए प्राण की बाजी मारी। दोस्तों के बीच…. आठ-दस दिन घर से नाता तोड़े, जब पैसा खत्म हुआ तो घर को छोड़े। हर गम को खुशी में […]