Category: कविता

जब वेदना में हों बच्चे व्याकुल पिता भी तो होता है

बात आती है जब ममता की जिक्र मां का होता है। जब वेदना में हों बच्चे व्याकुल पिता भी तो होता है।।। ख्वाहिश रखी जो कुछ मैंने उसे ना तुम ने ठुकराया। दिखी है आपके चेहरे पे हंसी जब कभी मैं मुस्काया।। मेरा रुतबा,मेरी शान व मेरा अभिमान हो आप।। आप हो तभी मैं हूं,मेरा […]

बचपन से आज तक मेहनत करते देखा है उनको

शाम होते थके घर आते हैं, फिर थोड़े देर कीचन में मां का हाथ बढ़ाते हैं। यूं कहने को तो ,दुख: बहुत है उन पे, लेकिन हमारे दुख दूर करते करते ,वे अपने ग़म भूल जाते हैं। बचपन से आज तक मेहनत करते देखा है उनको, लेकिन हमारी ख्वाहिश पूरी करते करते वे अपनी जरूरतें […]

निष्ठुर स्वभाव बाबुल का

निष्ठुर स्वभाव बाबुल का, होता व्यवहार उदार। हृदय में हर.पल प्यार, अंदाज़ में फटकार। मन में न कोई विकार, मस्तक में वृहद विचार। स्वप्न देखें जो हम, करते पिता साकार। निष्ठुर स्वभाव बाबुल का।। लिया जन्म माँ की कोख से, डरते हम बाबुल के कोप से। माँ बनने का उन्हें दिया सम्मान, करते पिता हम […]

ये है पिता की छत्रछाया

जबसे होश संभाला, अपने सन्मुख है पाया। क्या है तुम्हें बतलाऊँ? ये है पिता की छत्रछाया।। पूछो उनसे जरा उनका हाल, जिनके पिता को उठा ले गया काल। सोचकर कांप उठती रूह मेरी, विनती है प्रभु न करना बेहाल।। जिम्मेदारियों ने यूँ भगाया है। पर न कभी हमें जताया है। देकर सदा ही सुख की […]

आपके लिए क्या लिखूं पापा, आपने ही तो मुझे लिखा है

मुझे छांव देकर भी खुद जलते हो धूप में, मैंने सचमुच फरिश्ता देखा है, पिताजी आपके रूप में। पिता!!! परिवार का रोटी, कपड़ा, मकान है। पिता ही तो बच्चे के लिए खुला आसमान है। पिता है तो बच्चे के लिए असीमित प्यार है। पिता के होने से ही तो वीकेंड वाला ‘शनिवार’ है। पिता ईश्वर […]

परछाई बनकर चलते हैं

परछाई बनकर चलते हैं, पूज्य 🙏🏼🙏🏼पिताजी है मेरे वो। मुझको लाए जो इस जग में , नाम धराया धूम-धाम से, अंगुली थामी ,चलना सिखाया, सँभल -सँभल कर बढना सिखाया। आँसू जब कभी आ जाते ………… वो गोद में ले के मुझे घुमाते………. कभी काँधे पर मुझे बैठाते, दो काजू ..दे ख़ुश कर देते। लंबी -चौड़ी […]

पिता के जाने के बाद

पिता पीठ पर हम बैठे, हांका करते गाड़ी झूठ मूट का रोते जब, हमने मूंछ उखाड़ी। हमने मूंछ उखाड़ी, मिलता था बड़ा दुलार पिता आपके जाने से, अब सूना पड़ा संसार । उनको अपनी शरण, में  ले गए आज परमपिता रोता बिलखते छोड़, स्वर्ग चले गए आज पिता । पिता घर भर की धूप थे, […]

वही तो है पिता

वो जिससे मुल्क,सारी दुनिया, ये समाज है बनता, वही तो घर का है आधार, और कहलाता है पिता। घर बार को जो बीज दे, बच्चों को ला के चीज़ दे, मुनिया को दे फ्रॉक, तो मुन्ने को भी कमीज़ दे। खाने से पहले कौर देता घर को है खिला , वो ही तो घर का […]

आज पापा आपके बारे में लिखना है

हर कोई मां के बारे में लिखता है, आज पापा आपके बारे में लिखना है। मां की छाया में आपका जिक्र नहीं होता, पर हर काम ऐसा जो आपके बिना न होता। भरी धूप, धूल, मिट्टी में अपना तन जलाया आपका बच्चों पर हमेशा रहा साया। पिता ही है ऐसा भगवान। आज बताता हूं इनके […]

ऐसे हैं मेरे पापा

बचपन से जो कभी न टोके हर गम में जो हंसकर बोले ऐसे हैं मेरे पापा। हर चोट पे जो गले लगाए, हर बात पे जो मुस्कुराए ऐसे हैं मेरे पापा। मेरी वो जान हैं, वही मेरा जहान हैं, मां के आंसू तो अपने दर्द बयां कर देते हैं पर बिना कुद बोले बिना आंसू […]