November 24, 2017 0Comment

बोल प्रेम के

विश्वास के समुन्दर सम्हाले हुए रखना।
लहरें खुशी की हरदम लहराते हुए रहना।।

पलकों में सजा के रख लिया चेहरा ये फूल सा।
हमदम मेरी आँखों में आते हुए रहना।।

नजरों से हुई मुखातिब नजरें जो इस तरह।
ये निगाह इस निगाह में डाले हुए रहना।।

मुश्किल नहीं है कोई गर साथ दे सको तो।
मुस्कान इन होंठों पे लाते हुए रहना।।

ये जिन्दगी में आकर मेरे दिल में छा गए हो।
हरदम ये हँसीन रिश्ता निभाते हुए रहना।।

दिलकश हैं बोल प्रेम के भुला देते हैं रंजो -गम।
ये गीत अपने ‘मोहन’ गाते हुए रहना ।।

-मोहन जोशी, अल्मोड़ा

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