September 03, 2020 7Comments

आ गये तुम?

आ गये तुम?
देखो,दरवाजा खुला है,
अरे, रुको तनिक,
पायदान पर अपना अहं झाड़ आना..
बच्चों की ठिठोली से थोड़ी शरारत ले आना
आओ भीतर गर्म चाय की चुस्की से मन हल्का कर लेना..,

करके अपनी सावधानीयाँ,
निकलो घर से दोबारा,,
लौटौगे फिर से जब भी तुम,
पायदान पर अपना अहं झाड़ आना..
तनिक संक्रमण की चिंता से,
अपने आपे को मत बहलाना..,
स्वछता का ज्ञान सुनकर
घर मे भूचाल न ले आना
जब भी आओ बाहर से तुम सैनेटायज़र करते आना…

आ गये तुम?
देखो दरवाजा खुला है,
अरे, रुको तनिक,
पायदान पर अपना अंह झाड़ आना…

~ निशान्त गहतोड़ी, सितारगंज u. s. Nagar

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gtripathi

7 comments

  1. Wahhhh

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  2. Amazing Bhai keep it up

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  3. बेहतरीन, उम्दा, खूबसूरत, आपके द्वारा रचित कविता ने अंतर्मन को प्रफुल्लित कर दिया।
    हमारी शुभकामनाएं सदैव आपके साथ हैं, यूँ ही रचनाओं को रचते रहो।

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    1. Keep it up mere pyare bhai❤️❤️

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  4. Waah

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  5. Bdiaaa

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  6. Nice bro

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