-पूजा भट्ट, मोटाहल्दु, लालकुआँ (नैनीताल)
ए गुजरने वाले साल!
खूब निभाया तुमने मेरा साथ
जाते-जाते,अब जो बनने वाला है इतिहास
जब आए थे!
तो चारों तरफ़ प्यार और खुशियां ही थी
अब जब जा रहे हो
तो कुछ यादों के सिवा और कुछ नहीं
ओह! इतिहास बनने वाले साल
तुमने ही सिखाया मुझे कठिन परिस्थितियों में जीना
और अपने पैरों पर खड़े होना
स्कूल से मुझे कॉलेज में ला दिया
कुछ नए लोगों और हमसफ़र से मिलवा दिया
ओह! रे साल
कुछ दिन तो मेरे लिए थे बहुत ख़ास
न जाने कभी वापस आयेंगे भी या नहीं
या चले जायेंगे वो भी हमेशा के लिए
तुम्हारे साथ,
ओह! रे अब्द
तुम्हारी तारीफ़ में अब नही मेरे पास कोई शब्द
बस जाते-जाते तुमसे इतना ही कहना
जिन स्मृतियों के लिए रहती हुं अशांत
उन्हें भी ले जाना तुम अपने साथ
ताकी नए साल में पा लू अपने हर मुकाम
बिना कोई परेशानी और होके उदास
ए गुजरने वाले साल!
खूब निभाया तुमने मेरा साथ।