– बिपाषा पौडियाल
शादी का माहौल था,
मामा थे एक
काम थे अनेक।।
सारी घर की जिम्मेदारियाँ संभालने वाले,
वो ओर कोई नही बल्कि थे मेरे मामा।।
बिना चेहरा मुरझाये हुए,
कर गए हँसते- हँसते सारा काम
कोई अगर बताएं कुछ काम,
तो हमारे मामा थे झटपट तैयार
मामा न होते तो शायद शादी में रौनक न आती,
क्योंकि मामा थे एक
काम थे अनेक।।
सबको नचाकर खूब मजा है आया,
मामा का चुन्नी वाला डांस सबको है भाया
मनोरंजन भी हमारा उन्ही ने करवाया,
शादी के माहौल में चार चाँद भी उन्ही ने लगाया
मामा ने दिया सब जगह है ध्यान,
क्योंकि मामा थे एक
काम थे अनेक।।
March 16, 2024
Very nice ☺️ keep it up
March 16, 2024
Very nice ☺️ keep it up ❣️