होली के उपलक्ष्य में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन
हल्द्वानी। हरफनमौला साहित्यिक संस्था की ओर से होली के पावन अवसर पर रविवार को रामपुर रोड स्थित मंगलम मैरिज लॉन में विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें कवियों ने प्रेम, हास्य-व्यंग्य समेत सभी नवरसों की कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को सराबोर कर दिया।
मुख्य अतिथि जिला पंचायत उपाध्यक्ष आनंद दरम्वाल, विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध डेंटिस्ट डॉ. स्वाति सिंघल, फिजियोथेरिपिस्ट डॉ. नवीन लोहनी, नालंदा स्कूल किच्छा के प्रधानाचार्य मुकेश रॉय, रोटरी क्लब के सचिव आशीष दुम्का ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
वेद प्रकाश अंकुर ने कहा-कुछ नया करके दिखा तू इस होली में, अपने को आईना तो दिखा तू इस होली में। रूद्रपुर से आए डॉ. सजीव सारस्वत तपन ने कहा-महल झोपड़ी नगर, डगर में, वन में राम मिलेंगे। गदरपुर से आए सुबोध कुमार शर्मा शेरकोटी ने सुनाया-करो कुछ तुम ऐसा, धरा पर नाम कर जाओ, स्वयं को हैं सभी जीते, भला कुछ काम कर जाओ। मनीष पंत ने कहा-गुजरी बीती बातों का मरघट सुलझाए बैठा था, काजी ऐसे मेरा मुस्तकविल उलझाए बैठा था।
योगेश बहुगुणा योगी ने कहा-प्रेम का कामिल खजाना चाहता हूं, घर तेरे दिल में बनाना चाहता हूं। दिनेशपुर से आए किशोर मनी ने सुनाया-शादी के गुजरे थे कुछ ही महीने, बीवी के खौफ ने गंजा बना दिया। करन आर्या ने कहा-ये कितना नादां है इश्क मेरा। कनक जोशी ने कहा-जीवन के अविस्मृत पथ पर अटल वह चिन्ह, याद दिलाते मुझको मेरे वह बचपन के वह दिन। मुक्तेश्वर से आई दीक्षा बिष्ट ने सुनाया-माथ केसर सदा तुम लगाए रहो, श्वेत शांति अमर भी बनाए धरो। पंतनगर से आईं दीप्ति जोशी ने कहा-न खत्म हो कभी, ऐसा प्रेम करो, ऐसा वैसा नहीं, कृष्ण-मीरा सा प्रेम करो। मंजू महरा ने कहा-तुम्हें रंग लगा दूं भौजी। कमल सिंह ने कहा-उसके पापा को तो चाहिए था सरकारी दामाद। हर्षित जोशी अनाम ने कहा-मेरा घर भरा हुआ है, उसकी खुशबू से अब, वो क्या अपने मायके से लौट के आई है। कार्यक्रम का संचालन हास्य कवि गौरव त्रिपाठी ने किया।
March 10, 2024
सफल आयोजन की बधाई