-बिपाषा पौडियाल, हल्द्वानी
“अगर न होते हमारे देश के ये वीर जवान,
तो सोचो कैसा होता हमारा ये देश महान”
अपनी जान की परवाह किये बिना
सरहद पर सीना तान खड़े है
देखो उन वीरों को जो हमारे देश के लिए दिन रात लडे है
उनका भी तो है अपना घर- परिवार
उनकी भी तो है अपनी आन और शान
पर सोचो क्या होता होगा उस घर का हाल जिस घर का बेटा है सरहद के उस पार
क्या पता किसी वक्त क्या हो जाए
कब वह शहीद हो जाए
और तिरंगे में लिपटकर घर आ जाए
इस देश के लिए हर फौजी ने अपना फर्ज निभाया है
आओ मिलकर करे इनको शत-शत नमन् बार-बार
जो देश के लिए हो गए हैं तार- तार
और देश की सुरक्षा को है सरहद पर तैनात
आओ इनके त्याग और समर्पण का करे दिल से आभार