June 17, 2022 1Comment

सर का ताज भी वही है

-डॉ.शबाना अंसारी, भीमताल

घर का मुखिया भी वही है
घर का राजा भी वही है
जिसको हम वालिद कहते हैं
सर का ताज भी वही है||

हमको दुनिया में लाने वाला भी वही है
बेहतर जिंदगी देने वाला भी वही
जिसको हम वालिद कहते हैं
सर का ताज भी वही है||

बाप की बेलोस मोहब्बतों का
खूब गुणगान किया करो
जहां भी रहें हम सब
बस उन्हीं का नाम लिया करें
जिसको हम वालिद कहते हैं
सर का ताज भी वही है||

वालिद अगर राज़ी है
तो रब राज़ी है
दोनों अगर राज़ी है
तो स्वर्ग के मालिक हम है
जिसको हम वालिद कहते हैं
सर का ताज भी वही है||

उनको सताया न करो
वक्त दिया करो
मोहब्बत प्यार खूब लुटाया करो
वक्त पर जुरातो को पूरा किया करो
वृद्धा आश्रम ना भेजा करो
जिसको हम वालिद कहते हैं
सर का ताज भी वही है||

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gtripathi

1 comments

  1. बहुत सुंदर और मार्मिक कविता।।

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