-हास्य व्यंग्य, गौरव त्रिपाठी, हल्द्वानी
नमस्कार मित्रों! मैं हूं हर्नव रोस्वामी और आप देख रहे हैं अपना फेवरेट न्यूज चैनल डीडीएम (डरा-डराकर मारेंगे)। अब तक हमारी दिखाई खबरों से पूरा देश डरा हुआ है लेकिन हमारे नेता हैं कि डर ही नहीं रहे हैं। सबकुछ बंद हो चुका है बस ये चुनाव हैं कि रद्द नहीं किए जा रहे हैं। बस इसी को लेकर आज हम चर्चा करेंगे नेता नमो चरणदास जी से-
नमो चरणदास जी मेरा सीधा सवाल आपसे। इतने कोरोना के बीच आप चुनाव करा रहे हैं। क्या उम्मीद है आपको।
-बहुत अच्छा सवाल है आपका। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारी पार्टी की ही सरकार बनेगी। कोरोना महामारी भी हमारी पार्टी को आने से नहीं रोक सकती।
इतने लोग कोरोना से बीमार हैं वो कैसे वोट कर पाएंगे।
-कोरोना फेफड़ों को संक्रमित करता है, याददाश्त को नहीं। वोटरों को हमारी पार्टी के सभी काम याद हैं, वो हमें ही वोट देंगे।
आपने मतदान स्थल पर कोरोना संक्रमण रोकने के लिए क्या इंतजाम करवाए हैं। कैसे आप रोक पाएंगे संक्रमण को।
-संक्रमण जब इतने बड़े-बड़े देशों के पढ़े-लिखे राष्टृपति नहीं रोक पाए। तो आप लोग हमारी शिक्षा के बारे में जानते ही हैं, हम क्या कर पाएंगे। हर मतदान स्थल पर एक-एक सैनिटाइजर की बोतल रखवा दी है। सामाजिक दूरी के पालन के लिए देखो हम किसी से कह नहीं सकते, कोई नाराज हो गया तो मुश्किल हो जाएगी। हां चुनाव के बाद तुरंत दो महीने का लाॅकडाउन लगवा देंगे।
बुद्धिजीवियों का मानना है कि कोरोना की वजह से जब स्कूल बंद किए जा सकते हैं, परीक्षाएं रद्द की जा सकती हैं, दुकानें बंद की जा सकती हैं तो चुनाव एक दो महीने के लिए क्यों स्थगित नहीं किए जा सकते।
-आप इसे एक दोहे से समझिए-वोटर मन चंचल भयो, पुनि-पुनि बदलत जाय, मन घूमे वोटरन को, चुनाव लेओ निपटाय। अर्थात बच्चे तो पास ही हो जाते हैं। स्कूल वाले अपनी फीस अभिभावकों से निकाल ही लेते हैं। व्यापारी तो दो घंटे में भी अपना सामान बेच लेता है। पर वोटर को पटाने में बड़ा समय लग जाता है। वोटर का मन चंचल होता है। बड़ी मुश्किल से दारू-मुर्गे खिलाकर, विकास के झूठे सपने दिखाकर अपने पक्ष में किया है। चुनाव टले तो फिर उनको विपक्षी अच्छे लगने लग जाएंगे। हमारे तो किए कराए पर पानी फिर जाएगा। वोटर का मन बदले इससे पहले चुनाव कराना मजबूरी है।
देश में रोजाना इतने लोग मर रहे हैं। अगर चुनाव के दौरान वोट देने से पहले ही कोई मर गया तो।
-कोई बात नहीं। इसके लिए हमारी विशेष टीम तैयार की गई है। वो वोटर के मरने से पहले उससे पूछेगी किसको वोट दोगे, वो पार्टी का नाम बताएगा और उसका वोट पड़ जाएगा। पोलिंग बूथ पर भी अगर वो दम तोड़ता है तो हमारे लोग उसे पकड़कर ईवीएम पर बटन दबवा देंगे।
हमने देखा है कि मतदान के दौरान वोटर तो मास्क लगा रहे हैं लेकिन प्रत्याशी नेता मास्क नहीं लगा रहे हैं। ऐसा क्यूं।
-प्रत्याशी अगर मास्क लगा लेगा तो वोटर उसे पहचानेगा कैसे। पता चले पैर हमने छुए और वोटर विपक्षी समझकर उसको वोट दे आएं। वोटरों का मास्क पहनना इसलिए जरूरी है कि इससे हम दो चार अपने बाहर के आदमियों को मास्क में छुपाकर फर्जी वोट डलवा सकते हैं। आप चिंता मत करिए हमारी पूरी तैयारी है।
तो ये थे हमारे नेताजी उन्होंने विस्तार से हमें जानकारी दी। हमको भी नेताजी ने खूब सारा विज्ञापन दे दिया है इसलिए हम भी चुनाव तक कुछ नहीं बोलेंगे। कहीं और की खबरें दिखाते रहेंगे। आप देखते रहिए डीडीएम।