-खुशी भट्ट, तीनपानी बरेली रोड (हल्द्वानी )
क्या तुमने उसको देखा यार!
जो सीमा का प्रहरी बना
ताने रहता है हथियार, वह बी.एस.एफ का वीर सिपाही
हरदम लड़ने को तैयार!
क्या तुमने उसको देखा यार !
आन-मान-सम्मान का
वह अनोखा है श्रृंगार ,
सीमा की रक्षा उसका करतब
अटल खड़ा सुदृढ़ – दीवार !
तुमने उसको देखा यार!
वीर शिवाजी ,राणा प्रताप का
आज बना वह स्वयं अवतार,
खड़्ग भवानी के हाथों-सा
दुश्मनों पर करता वार!
क्या तुमने उसको देखा यार!
तन- मन- धन से प्राण न्यौछावर
सदा सहज और तैयार,
वह बी-एस-एफ का सहज प्रहरी
अपनी सीमा का पहरेदार !
क्या तुमने उसको देखा यार!
रेतीले ,दलदल छबीले
कंटीले-जंगल-संथार,
कहां नहीं जो पग है पढ़ते
बी.एस.एफ. के प्रहरी के यार!
क्या तुमने उसको देखा यार!
बर्फानी ,तूफानी स्वेत हिमखण्डों का वह सवार,
अटल ,अडिग , कर्तव्य-परायण
ऐसा अपना प्रहरी यार!
क्या तुमने उसको देखा यार!
September 29, 2020
Very nice
September 30, 2020
Bht badiya