September 17, 2020 2Comments

हंस-हंस के कह गए वो ‘अलविदा’

-श्री देवकी नंदन भट्ट ‘ मयंक ‘, तीनपानी बरेली रोड (हल्द्वानी )

1. वो वीर थे ,महावीर थे, परमवीर देश के|
जो हो गए शहीद ,थे सपूत देश के |
जो हो गए बलिदान, देश पर हुए फिदा |
जाते हुए हंस-हंस -के कह गए वो ‘अलविदा’||3

2. जो दुश्मनों के दांत खट्टे कर चले गए |
जो दुश्मनों को धूल चटा कर चले गए |
जो दुश्मनों को ठोकरों से रौंद के गए |
जो दुश्मनों के होश ठिकाने लगा गए||
वह देश के सपूत ,थे मां भारती के लाल ||2
वो सरहदों के संतरी थे दुश्मनों के काल ||2
जो हो गए बलिदान , देश पर हुए फिदा |
जाते हुए हंस-हंस -के कह गए वो ‘अलविदा’||3

3. जो दुश्मनों को सरहदों के पार कर गए|
जो दुश्मनों की छातियों पर वार कर गए |
जो दुश्मनों का नामोनिशान मिटा चले गए |
जो दुश्मनों के सर कुचल -कुचल चले गए ||
मां भारती के लाल थे, वे लाल हिंद के ||2
….जो हो गए शहीद ,जां- नशार -हिंद के ||2
जो हो गए बलिदान देश पर हुए फिदा |
जाते हुए हंस-हंस के कह गए वो अलविदा||3

4. परिवार से भी प्यारा उनको सारा हिंदुस्तान|
थे देश के सपूत वे तिरंगा उनकी शान ||
जब भी लगेंगे मेले ‘शहीदी’ के उनके नाम|
सर झुका- झुका नमन करेगा हिंदुस्तान ||2
थे जाति और धर्म से महान उनके गान ‘वंदे -मातरम्’-‘ जय- हिंद’-‘राष्ट्रगान’||2
जो हो गए बलिदान देश पर हुए फिदा |
जाते हुए हंस के कह गए वह अलविदा ||3

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gtripathi

2 comments

  1. बहुत ही सुंदर❤️

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    1. Thanku…

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