-सोनू उप्रेती’साँची’, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड
शब्दों की खान हिन्दी
जनमानस की पहचान हिन्दी
मातृभाषा का श्रृंगार हिwन्दी
हिन्द का पहला प्यार हिन्दी।।
संस्कृति की वाहक हिन्दी
अभिव्यक्ति में सहायक हिन्दी
रगों में सबके बहती हिन्दी
हिन्द की गौरव गाथा हिन्दी।।
भावों का प्रवाह हिन्दी
साहित्य की धार हिन्दी
वंदनीय है जग में हिन्दी
घर देहरी मान हिन्दी।।
साँसों में धड़कती हिन्दी
शहर गाँवों में चहकती हिन्दी
गीत और संगीत में हिन्दी
मलय समीर बन बहती हिन्दी।।
मान मेरा अभिमान हिन्दी
अनुपम अद्भुत ज्ञान हिन्दी
कालजयी भाषा हिन्दी
हिन्द की जीवन रेखा हिन्दी।।