-आशा बाजपेयी ‘संभवी’, रूद्रपुर
हर भाषा से प्यारी हिंदी
देश की राज दुलारी हिंदी
मस्तक की आभा है हिंदी
बिमदी बनकर चमके हिंदी
माँ का तो अरमान है ये
ममता की पहचान है ये
है जन्म के साथ हमारे हिंदी
मातृभाषा कहलाती हिंदी
हर भाषा से प्यारी हिन्दी
देश की राज दुलारी हिंदी