मां के बराबर जिसने की,
अपने बच्चों की देखभाल है।
वह एक पिता ही है
जिनका प्रेम अपरम्पार है।
अंगुली पकड़कर कदम दर कदम
जिन्होंने हमें चलना सिखाया है।
उन्हीं से हमने अनुशासन पाया है।
वह एक पिता ही है,
जिनके प्रेम ने हमें लुभाया है।
बनकर हमारा साया,
थामा हमारा हाथ है।
जीवन भर दिया उन्होंने,
हर मुश्किल घड़ी में हमारा साथ है।
मां का प्रेम हर वक्त दिखा,
पर पिता ने कभी जताया नहीं।
किए सदैव दिन-रात एक,
पर एहसास कभी कराया नहीं।
हंसते-हंसते सामना किया,
हर एक विषम परिस्थिति का।
डंटे रहे अपने मार्ग पर,
हमें मार्ग दिखाया सच्चाई का।
कठिन परिश्रम से पिता ने,
की हर ख्वाहिश पूरी।
अपने पैरों पर खड़े होने पर,
गलती से भी ना हो जाए दूरी।
पापा मेरी परछाई हैं।
जीवन के वरदाई हैं
पापा ही हैं मेरे संसार
उन्हीं से है जीवन का आधार।
-गरिमा जलाल, केवीएम पब्लिक स्कूल