प्यारे पापा, प्यारे पापा,
तुम हो जग से न्यारे पापा।
मुझे सिखाया चलना तुमने और सिखाया पढ़ना,
अगर गलती हो जाए मुझसे, हंसकर माफ कर देते पापा।
मेरी खुशी का ध्यान रखते, हर इच्छा वो पूरी करते,
अगर मैं रूठ जाउं तो, मुझे मना लेते हैं पापा।
मुझे चोट लग जाए तो खुद बच्चों से रोने लगते।
गोद में लेकर, सीने से लगाकर, मुझे दुलारते मेरे पापा।
मैं कहती घोड़ा बन जाओ, घोड़ा बन जाया करते,
पीठ पर बिठाकर सारे दिन, घर में घुमाते रहते पापा।
चाहत जो भी मेरी होती, वो खुश होकर पूरा करते,
मेरी आंखों से आंसू की, बूंद भी न आने देते पापा।
प्यारे पापा, प्यारे पापा,
तुम हो जग से न्यारे पापा।
-निधि बोरा, माउंट ऐलवर्न स्कूल भीमताल
June 9, 2020
beautiful poem ..
June 9, 2020
Well done
June 9, 2020
Very nice,keep it up.
June 9, 2020
Very good language creativity
June 9, 2020
Beautiful poem.
June 10, 2020
Excellent work
June 10, 2020
Good good beta
June 13, 2020
Beautiful . Keep it up.
June 13, 2020
Beautiful