June 08, 2020 0Comment

आपके लिए ये पेन चलाई है, पहली बार

मैंने पेन तो चलाई है,
आज तक कई बार पापा,
लेकिन इतने सालों में
आपके लिए ये पेन चलाई है, पहली बार

जब जन्म लिया मैंने इस जहां में
मुझे बतलाया मां ने
आपको बहुत खुश और मुस्कुराते पाया।

मेरी जुबां पे भले ही
पहला शब्द मां आया हो
लेकिन उस मां शब्द का मतलब
मुझे जीवन में आपने ही सिखलाया
मुझे जीवन जीना तो आपने ही सिखलाया पापा।

सबको कहते सुना था
मैंने बेटों से बेटी कम नहीं होती
ये सच है कि बेटों से बेटी कम नहीं होती
ये अहसास आपने मुझे भी दिलाया है पापा।

मैं आपका ये अहसान कैसे चुका पाउंगी
जो मुझे आपने ये रंगों भरा सुनहरा जीवन दिया है।
जीवन की ओर हर बढ़ते हुए कदमों को
सही राह दिखलायी आपने
जीवन के हर संघर्ष में डटकर सामना
करना सिखलाया आपने

जेब आपकी खाली होती
फिर भी किसी चीज के लिए
मना करते नहीं देखा
सच में पापा आपके जितना अमीर इंसान
मैंने अपने जीवन में नहीं देखा

मेरी दुनिया मेरा साहस
मेरी इज्जत मेरा सम्मान
मेरी दुनिया मेरा जहान हो
मेरे लिए इस जीवन में पापा
आप ही सबसे महान हो।

-पायल बिष्ट, धारी मुक्तेश्वर

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