June 04, 2020 0Comment

मां-बाप को भूलना नहीं

दूसरा सब भूल जाओ,
पर मां-बाप को भूलना नहीं।
उनके अनगिनत उपकार हैं,
उनको कभी भूलना नहीं,
असभ्य वेदना सहकर
तब माने तुम्हारा मुखड़ा देखा।
उस अमृत देने वाली मां के सामने
तुम कभी जहर मत उगलना।
जिसने तुम्हे लाड़लड़ाए और
तुम्हारी सब इच्छाएं पूर्णं कीं।
उनके पुनीत चरणों को चाहना,
कभी भूलना नहीं, कभी भूलना नहीं।

-शांतनु सिंह, लक्ष्य इंटरनेशनल स्कूल, हल्द्वानी

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