आज फिर तुम पर प्यार आया
जैसे मौसम को खुद पे खुमार आया
होने को मौसम है प्यार का
फिर भी दिल को तेरा करार आया
जाने क्यों सांस थम सी जाती है
जब आहट तेरी हवाएं सुना जाती है
इन बूँदो में एक कशिश सी है
मुझपर तेरे प्यार ने बारिश की है
दिन चढ़े और श्याम ढले
दिल को तेरे बिन चैन ना मिले
कमबख्त मोहब्बत की मारी हुं मैं
प्यार में तेरी दिवानी हुं मैं
सर पर तेरे इश्क का जूनून है
खुद से ज्यादा तुझे चाहना मेरा उसूल है
खुदा ने क्या खूब बनाया है तुझे
अपनी करिश्मओं का हुनर दिखाया है तुझमे
बस इतना रहम कर मेरे दिल पर तू
खुद को खुद से चुराकर मेरा बनजा तू
– बबीता पटवाल, ramnagar