November 24, 2018 2Comments

हम बच्चे हैं मन के सच्चे

हम बच्चे हैं मन के सच्चे,
आसमान छू जाएंगे।
 देश को हम पर होगा गर्व ,
कुछ ऐसा करके दिखाएंगे।
               बाहों में फौलाद लिए हम,
               कितनी दूर निकल जाएं।
               भारत माता के उपचारों का,
                कर्ज़ ना लेकिन भर पाएं।
सुख और दुख जीवन के पहिए,
 आते- जाते रहते हैं ।
आंसू आए हैं आंखों में,
तो इनको भी पी जाते हैं।
                   दिया जलाएं सपनों का हम,
                   आसमान की ओर चलें ।
                   जिसमें आदर हो बड़ों का,
                   ऐसी दुनियां बना चलें।
नया सवेरा लेकर आएं,
हम सब ने मिलकर ठाना है।
देश हमारा सबसे प्यारा,
 सबने ऐसा माना है।
 पूजा , रा०इ०का०गुनियालेख,
          धारी , नैनीताल
Social Share
Tags: , ,

gtripathi

2 comments

  1. शानदार कविता ।

    मां शारदे की कृपा आप पर बनी रहे

    Reply
  2. Shandar….

    Reply

Write a Reply or Comment