हम बच्चे हैं मन के सच्चे,
आसमान छू जाएंगे।
देश को हम पर होगा गर्व ,
कुछ ऐसा करके दिखाएंगे।
बाहों में फौलाद लिए हम,
कितनी दूर निकल जाएं।
भारत माता के उपचारों का,
कर्ज़ ना लेकिन भर पाएं।
सुख और दुख जीवन के पहिए,
आते- जाते रहते हैं ।
आंसू आए हैं आंखों में,
तो इनको भी पी जाते हैं।
दिया जलाएं सपनों का हम,
आसमान की ओर चलें ।
जिसमें आदर हो बड़ों का,
ऐसी दुनियां बना चलें।
नया सवेरा लेकर आएं,
हम सब ने मिलकर ठाना है।
देश हमारा सबसे प्यारा,
सबने ऐसा माना है।
पूजा , रा०इ०का०गुनियालेख,
धारी , नैनीताल
November 25, 2018
शानदार कविता ।
मां शारदे की कृपा आप पर बनी रहे
November 25, 2018
Shandar….