बेटे का दर्द, एक बेटी की जुबानी,
कर दो तुम बेटा, बस इतनी सी मेहरबानी।
कौन कहता कि दिल नहीं दुखता उनका
बस आंसू ही तो नहीं निकलता जिनका।
मन ही मन रोकर बांटे अपना गम,
किंतु उनका गम नहीं किसी से कम।
भाई, पिता, पति सब हैं हम
परिवार की जान हम, हम ही परिवार का दम।
हमारी भी मां सबसे खूबसूरत होती है,
हमें भी तो मां के आंचल की जरूरत होती है।
-अनिमा आर्या, कक्षा-9
आरएएन पब्लिक स्कूल, रूद्रपुर
November 22, 2017
बहुत खूब
January 11, 2018
How much pain is hidden in this poem.
God bless you beta.