खुले आसमान में
हमारे सपने को साकार करता वो परिंदा
जिसे जानते लोग अनेंकों नामों से
अलग-अलग धर्मों से हैं।
अलग-अलग भाषाएं
हैं अलग-अलग गाथाएं
कहीं अब्बू कहीं पापा तो कहीं और
नामों से है वो जाना जाता
सबसे प्यारा है वो पिता हमारा
जिसकी गोद में देखी पूरी दुनिया
उसकी बात ही बता रहा हूं साथियों
भगवान से भी उपर जिसे मैं मानता
पिता के नाम से उसे जग जानता।
-मोहित जोशी, एक्सपोसिंयल हाईस्कूल