बिना बताए सब जान लिया,
बिना बताए सब कर दिया,
हमारी खुशी के लिए अपनी सेहत भी ना देखी
हमारे सपनों के लिए अपनी रातों की नींद भी न देखी।
हमारे भविष्य के चक्कर में,
हर वक्त सोच में रहते हैं,
जो वो ना देख सके,
वो हमको दिखाना चाहते हैं।
पता नहीं क्यों हमारी खुशी देखकर
कौन सा परमानंद पाते हैं?
भगवान कहूं, फरिश्ता कहूं या बाहुबली मैं उनको बोलूं
बिना उनके, अपना परिवार पूरा कभी न देखूं।
-कोमल खाती, पीएसएन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, हल्द्वानी