पापा पापा ओ मेरे पापा,
सबसे प्यारे मुझे तुम हो मेरे पापा।
छोटा था जब दुनिया में आया,
गोद में लिया था तुमने मेरे पापा।
तब से बन गया था
मैं पापा का दीवाना
मैं तो हूं अपने पापा का प्यारा
पापा……मेरे पापा।
शब्द पहला निकला
मेरे मुख से था पापा, पापा।
सुन रहे हो ना मेरे पापा,
उंगली पकड़कर चलना सिखाया था,
जो मांगा पल में वह है पाया,
वह गुड्डा ला दो,
रिमोट कंटृोल कार दिलवा दो,
कार-स्कूटर एक मेरे खिलौने से
कमरा मेरा सजा दो ना पापा।
अब पैंरों पर खड़ा हो गया हूं।
पापा जीवन के हर ढंग को झेलने के
काबिल हो गया हूं मेरे पापा।
कैंसे करूं तुम्हारा शुक्रिया ओ मेरे पापा।
दिल की गहराइयों से है प्यार मुझे तुमसे पापा
मैं आपका राजा, आप मेरे दुनिया के
सबसे अच्छे पापा
पापा……………ओ मेरे पापा।
-हनु माहेश्वरी, समिट पब्लिक स्कूल हल्द्वानी