पिता का प्रेम बहुत अनमोल कहलाता है,
हीरे मोतियों से भी कीमती पिता-संतान का नाता है।
कड़ी धूप में मेहनत करके जो संतान के लिए खुशी जताता है,
वो कोई और नहीं एक पिता ही कर पाता है।
जो परिवार के सुख के लिए हजारों कठिनाइयां पार कर जाता है,
वो पिता ही है जो हर परिस्थिति में मुस्कुराता है।
पिता से बढ़कर दोस्त इस संसार में कोई न पाता है,
कृष्ण-सुदामा से भी गहरा पिता-संतान का नाता है।
लाखों कठिनाइयां पार करके जो अन्न घर लाता है,
वो पिता है जो अपनी संतान को भूखा नहीं सुलाता है।
एक पिता के महत्व का और करूं क्या मैं बखान,
मेरे लिए तो यही है ईश्वर, अल्लाह और राम।
-अनुष्का अग्रवाल, होली ट्रिनिटी सेकेंडरी स्कूल लालकुआं