July 05, 2020 6Comments

वह हमारे डाॅक्टर कहलाते

कभी न खतरों से वह डरते,
हर जंग वह खुशी-खुशी हैं लड़ते।
अपनी परवाह किए बिना,
दूसरों को नई जिंदगी वह देते।
वह हमारे डाॅक्टर कहलाते,

भगवान का रूप वह कहलाते,
कुछ हुआ तो बड़ी उम्मीद से उनके पास हैं आते,
अपनी पूरी मेहनत से लोगों को नई जिंदगी देते,
वह हमारे डाॅक्टर कहलाते।

उनके लिए सब होते बराबर,
बच्चे हो या बड़े बुजुर्ग,
सबका वह इलाज हैं करते,
वह हमारे डाॅक्टर कहलाते।

रात हो या दिन कुछ नहीं वह देखते,
हर वक्त वह इलाज हैं करते,
दंगा फसाद हो या कोई दुर्घटना,
बीमारी हो या सर्दी जुकाम,
हर वक्त करते इनका इलाज,
वह हमारे डाॅक्टर कहलाते।

आओ हम सब मिलकर करें इनका सम्मान,
जो कोरोना जैसी बीमारी में बने हैं हमारे भगवान,
इनका भी तो है घर-परिवार।

-बिपाशा पौड़ियाल, बीएलएम एकेडमी हल्द्वानी

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gtripathi

6 comments

  1. Superb

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    1. अति उत्तम बिपाशा।

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  2. Wonderful poem Bipasha

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  3. A real tribute to doctors….God bless you beta

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  4. super se bhi upper

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  5. Fantastic… God bless you

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