पापा पापा ओ मेरे पापा
सबसे प्यारे मुझे तुम हो मेरे पापा।
गोदी में लिया था तुमने मेरे पापा,
तब से बन गई थी मैं, पापा की दीवानी
मैं तो हूं अपने पापा की प्यारी रानी।
शब्द पहला निकला मेरे मुख से था पापा
सुन रहे हो ना मेरे पापा।
उंगली पकड़कर चलना सिखाया था,
जो मांगा पल में वह है पापा।
वह गुड़िया लादो,
किचन सेट दिलवादो,
कार स्कूटर-एक मेरे खिलौने का कमरा
ही सजा दो
पापा पापा ओ मेरे पापा।
-पल्लवी सिंह सिंह चैहान, लेक्स इंटरनेशनल स्कूल हल्द्वानी