रोज सवेरे उठ जाते पापा
आफिस अपने जाते पापा।
मेहनत बहुत करते हैं पापा
पर हमको नहीं जताते पापा।
मेरी इच्छाओं की खातिर
स्वयं की इच्छाएं मिटा देते पापा।
कितने ही उतार-चढ़ाव आए जीवन में
डटकर सामना करते पापा।
हर घर की छत होते पापा
हर घर का आधार हैं पापा।
जीवन कितना संुदर है
जिस घर में होते हैं पापा।
रोज शाम जब घर पर आते पापा
टाॅफी, मिठाई, फल जरूर लाते पापा
मैं कितनी भाग्यशाली हूं
जो मैंने पाए इतने अच्छे पापा।
बहुत कुछ सीखा है मैने
बहुत कुछ जाना है मैंने
अपने कर्तव्य निभाते जाओ
परेशानियों से तुम मत घबराओ
ऐसा कहते मेरे पापा।
-उषा भट्ट, हल्द्वानी