मेरी तकदीर में गम नहीं
होता अगर मेरी तकदीर
लिखने का हक मेरे पापा का होता
कंधो पर झुलाया कंधों पर घुमाया
एक पापा की बदौलत ही मेरा
जीवन खूबसूरत बन पाया
कहते हैं जब मां छोड़कर जाती है
तब दुनिया में कोई दुआ देने
वाला नहीं होता है और
जब पिता छोड़कर जाते हैं
तब कोई रास्ता दिखाने
वाला नहीं होता
अब एक आखिरी ख्वाहिश है
भगवान से मेरी
फिर यही जहान मिले, यही गोद मिले
और यही मां-बाप मिले
-प्रेमा चाौहान, बिंदुखत्ता