June 02, 2020 0Comment

मेरा सम्मान है पिता

मेरा साहस, मेरी इज्जत, मेरा सम्मान है पिता।
मेरी ताकत, मेरी पूंजी, मेरा अहसास है पिता।
घर के एक-एक ईंट में शामिल उनका खून पसीना।
सारे घर की रौनक सारे घर की शान है पिता।
मेरी इज्जत, मेरी शान, मेरा रूतबा, मेरा मान है पिता।

सारे रिश्ते उनके दम से, सारे नाते उनसे हैं।
सारे घर की दिल की धड़कन, सारे घर की शान है पिता।
शायद रब ने देकर भेजा फल ये अच्छे कर्मों का।
उसकी रहमत, उसकी नेअमत, उनका वरदान है पिता।

-विशाल सिंह बिष्ट, ग्रीनवूड्स ग्लोबल स्कूल हल्द्वानी

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