जब कभी सुबह उठने में देर हो जाया करती है,
तब मम्मी तो गुस्सा हो जाती हैं पर पापा मम्मी को कह देते
कभी देर हो जाती है।
फिर मम्मी को मेरे संग मनाया करते हैं,
मेरा दिन तो मेरे पापा बनाया करते हैं।
जब कभी मुंह से आह निकले, मम्मी तो पिघल जाती हैं।
पर पापा मुझे प्यार से आगे बढ़ना सिखाते हैं।
मुझे चाहे घर में कितना ही डांटते लेकिन बाहर के लिए मुझे मजबूत बनाया करते हैं।
मेरा दिन तो मेरे पापा बनाया करते हैं।
पापा के दुलार बिना नींद नहीं आती है,
जब थोड़ा दूर हों तो याद नहीं जाती है,
अंदर घर के चाहे मुझसे दो मिनट नाराज भी हो जाया करते हैं।
पर दुनिया की नजरों में मेरे लिए कवच बन जाया करते हैं,
मेरा दिन तो मेरे पापा बनाया करते हैं।
जो पापा के सपने हैं, उन्हें पूरा कर दिखाना
उनकी बेटी होने का, फर्ज निभाना है।
-मौलीश्री मित्तल, पीएसएन सीनियर सेकेंडरी स्कूल हल्द्वानी