June 10, 2020 0Comment

मेरा गर्व, मेरा अभिमान हैं पिता

मेरा गर्व, मेरा अभिमान हैं पिता
जिसके नाम से मेरा नाम है
मेरे घर का जो स्तंभ है,
जिसके होने का सुखद अहसास है,
जिसकी डांट में भी प्यार की भरमार है,
उंगली पकड़कर जिसने चलना सिखाया,
गिरकर मुझे संभलना सिखाया,
मेरी दुनिया, मेरा जहान है पिता
मेरे लिए मेरा भगवान है पिता
-तनिष्क मनराल, ग्रीनवूड्स ग्लोबल स्कूल हल्द्वानी

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