November 08, 2017 2Comments

मुहब्बत दो दिलों की भावनाओं की कहानी है

मुहब्बत दो दिलों की भावनाओं की कहानी है

इधर मैं भी दिवाना हूँ उधर तू भी दिवानी है

जमाना तो भले कहता रहे कुछ भी हमें लेकिन

ये कविता तो ते’रे मेरे मुहब्बत की निशानी है

गुलों से इक नयी खुशबू हवाओं में महकती है
तुम्हारी याद में दिल से मे’रे कविता निकलती है
जवा दिल है जवा धड़कन मगर भी मुहब्बत में
इधर मैं भी तड़पता हूँ उधर तू भी तड़पती है
मुहब्बत का मुझे भी इक घना बादल बना डाला
तुम्हारी झील सी दो आंख का काजल बना डाला
भले दुनियां मुझे कुछ भी कहे कहती रहे लेकिन
तुम्हारे प्यार ने मुझको सनम पागल बना डाला
कलम ने भी ते’रा दीदार कागज पर कराया है
मुहब्बत ने मुझे दिल में तुम्हारे अब बसाया है
नया अन्दाज़ लेकर के नया सा रूप देकर के
तुम्हें हर रोज़ मैंने शायरी में आजमाया है
– विपिन कुमार “अश्क़”
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2 comments

  1. बहुत खूब विपिन जी

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    1. आभार ढाली जी

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