मां की ममता जीवन भर
परछाई की तरह साथ देती है,
परंतु पिता की डांट
उनसे दूर जाने पर भी साथ देती है।
यों तो पिता हर मुश्किल में,
हमारे साथ रहते हैं।
परंतु मुश्किलों का डटकर सामना कैसे हो
ये भी वही सिखाते हैं।
हमारी तरक्की पर कोई खुश हो न हो
पर पिता फूले नहीं समाते हैं।
मेरे बच्चे मुझसे आगे जाएं
यही स्वप्न दिन-रात देखते जाते हैं।
बचपन में हमें वे कठोर, निर्दय
और शैतान लगते हैं
पर उनकी इसी कठोरता की वजह से
हम जीवन में उंची उड़ान भरते हैं।
-दीपांशु पांडे, सरस्वती एकेडमी, हल्द्वानी