June 06, 2020 1Comment

बेटियों के प्यारे पापा

पापा मेरे पापा, स्कूल चलाते हैं,
मुझको प्रिंसेस और बहन को एंजिल बुलाते हैं।

बेटियों के प्यारे पापा,
कभी सेवा न करवाते हैं,
जब पैर छूने को कहे कोई,
तो बेटियां पैर किसी के न छूतीं,
नमस्ते करना सिखाते हैं।
जब कोई ख्वाहिश करती है बेटी,
चाहे कुछ हो जाए पूरा उसे कराते हैं।
पापा मेरे पापा……।

थक के घर जब आते वापस,
बेटियों को गले लगाते हैं,
नई-नई बातें बताकर,
दुनिया का चेहरा दिखाते हैं।
जब भी बेटी निराश हो जाती,
तो उसका हौसला बढ़ाते हैं।
पापा मेरे पापा……।

-माहीश्री मित्तल, पीएसएन सीनियर सेकेंडरी स्कूल हल्द्वानी

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gtripathi

1 comments

  1. Proud to be your father.

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