मेरी रब से एक गुजारिश है,
छोटी सी लगानी एक सिफारिश है।
रहे जीवन भर खुश मेरे पापा,
बस इतनी सी मेरी ख्वाहिश है।
मंजिल दूर और सफर बहुत है,
छोटी सी जिंदगी की फिकर बहुत है।
मार डालती ये दुनिया कब की हमें,
लेकिन पापा के प्यार में असर बहुत है।
पिता के बिना जिंदगी वीरान होती है,
तन्हा सफर में हर राह सुनसान होती है।
जिंदगी में पिता का होना जरूरी है,
पिता के साथ से हर राह आसान होती है।
वो जमी मेरा वो ही आसमान है,
वो खुदा मेरा वो ही भगवान है।
क्यों मैं जाउं उसे कहीं छोड़ के,
पापा के कदमों में सारा जहान है।
मुझे रख दिया छांव में,
खुद जलते रहे धूप में।
मैंने देखा है ऐसा एक फरिश्ता,
अपने पिता के रूप में।
-नंदिनी शाही, एक्सपोसियल हाईस्कूल बिंदुखत्ता