प्यारे पापा, सच्चे पापा,
बच्चों के संग बच्चे पापा।
बच्चों की खुशी के लिए,
हर गम को सह जाते पापा।
उंगली पकड़ के सिखलाते हैं,
जब तक हम चलना न आता है।
अपने प्यारे बच्चों के लिए,
एक प्रेरणा बन जाते पापा।
जिंदगी की कड़ी धूप में,
साये जैसे रहते पापा।
इस धरती पर ईश्वर का रूप,
और कोई नहीं मेरे पापा।
-कंचन जोशी, हल्द्वानी