मेरे अच्छे कामों में मेरे,
कंधे-से-कंधा मिलाना,
और धूप में भी छाया देना।
पापा के अलावा और
किसी से भी न होना।
अपना हमेशा पुराने कपड़ों में काम चलाते
पर मुझे हमेशा नए ला देते।
अपना बीमार होते तो डाॅक्टर के पास जल्दी न जाते,
मुझे हल्की खांसी होने पर डाॅक्टर के पास ले जाते।
बचपन में हमेशा अपने से बड़ा
बनाने के लिए मुझे कंधे पर बैठाया।
अपना झुककर मुझे खड़ा होना सिखाया।
माना कि मेरे हर गलत काम में,
आप ने मुझे डांटा,
लेकिन मेरी खुशी के लिए
मुझे हर अच्छे काम में इनाम भी बांटा।
अगर मां ममता का संसार है,
तो पिता भी धूप में नीम की छांव है।
अगर मां दुलार का नाम है
तो पिता भी प्यार का संसार है।
ऐसे हैं मेरे पापा जो हैं
मुझे सबसे प्यारे।
-स्वाति मेलकानी, सरस्वती एकेडमी हल्द्वानी
June 4, 2020
Father is great . Although he is very strict but really like a sweet rose for us from inside