June 07, 2020 8Comments

पिता कौन है ?


माँ अगर जीवन है ,उस जीवन की डोर पिता है।
माँ अगर पूरब पश्चिम है , उत्तर दक्षिण छोर पिता है।
माँ अगर बारिश की बूंदें ,वर्षा बड़ी घनघोर पिता है।
भरे पेट बैठे हो जो तुम, उस भोजन का स्त्रोत पिता है।
अगर दिए की बाती हो तुम,उस बाती की ज्योत पिता है।
माँ अगर मंदिर है तो , मंदिर का भगवान पिता है।
बिना लोभ के बिना स्वार्थ के , करता सारे काम पिता है।
खुद घुटकर जो तुम्हे तरा दे ,ऐसा एक वरदान पिता है ,
माँ अगर प्रेम की मूरत, उस मूरत की जान पिता है।
माँ अगर जीवन की दाती, उसका आत्मसम्मान पिता है।
जीवन भी है जीवन दाता भी, सारे ग्रंथों का ज्ञान पिता है।

-हिमांशु जोशी
संगणक शिक्षक
हरमन माइनर स्कूल भीमताल

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gtripathi

8 comments

  1. Mind blowing very well written

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  2. Awesome poem .

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  3. Very beautiful poem….you surprised us.
    Keep it up!

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  4. Very good sweetheart proud of you keep it up .

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  5. Wow sir very nice .reality

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  6. I think it’s the best poem for father…. You really know who is father…

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