कोई देख ले मुझे तो तुरंत पहचान जाता है
आपकी बेटी का चेहरा याद आपकी दिलाता है,
जब लोग कहते हैं पापा कि मैं हूबहू आप सी दिखती हूँ
तब मैं खुद को गौरवान्वित महसूस करती हूँ,
जब भी याद करती हूँ आपको तो मन खुशी से भर जाता है
आभारी हूँ ईश्वर की कि उसने जोड़ा आपसे नाता है,
पहली संतान के रूप में जब मैं गोदी में आपकी आई थी
माँ ने बताया कि सबसे ज्यादा खुशी आपने ही पाई थी,
लाडली बेटी बनी आपकी सबसे ज्यादा स्नेह मिला
मुझे सुधारने मुझे सवारने के लिए आपने दिन-रात त्याग किया,
क्रोध,डाँट,सख्ती और स्नेह सबको आपने अपनाया था
मेरा भविष्य बनाने के लिए आपने हर-पल साथ निभाया था,
खलता था मुझे कभी-कभी वो सख्त रवैया आपका
बात-बात पर टोका-टाकी का रूखा सा अंदाज आपका,
मगर आज समझती हूँ मैं सबकुछ कि कैसे आपने संभाला था
अपनी इस लाडली बेटी के लिए जीवन खर्च कर डाला था,
वो नि:स्वार्थ स्नेह,वो प्यार आपका अब साथ लिए ही चलती हूँ
उस सख्त चेहरे के पीछे के भावुक पिता को सदा याद मैं करती हूँ
मैं नमन आपको करती हूँ,मैं प्रणाम आपको करती हूँ।
-एकता बिष्ट