पापा मेरे प्यारे पापा
पापा शब्द जब भी आता
मन खुशी से झूम जाता
अंदर से आत्मविश्वास जगाता
एक अनोखी ताकत लाता
पापा मेरे पापा….।
जब भी कोई दुख आता
मैं हूं ना यह एहसास दिलाता
हर संकट में खड़े वह रहते
सारे दुख-दर्द अकेले सहते
पापा मेरे पापा….।
बाहर से गुस्सा दिखाते,
पर मेरी छोटी सी खुशी का ध्यान रखते
कभी साथ में बच्चा बनकर खेल-खेलते
बरगद जैसी छांव वह देते
मेरी छोटी सी सफलता में,
प्रफल्लित हो झूम उठते,
पापा मेरे पापा….।
जो भी पिता की डांट को सहन कर पाया
वह निश्चय ही सफलता की,
बुलंदियों को छू पाया,
पापा मेरे पापा….।
-दीया बिष्ट, हरमन माइनर स्कूल भीमताल
June 6, 2020
Diya you have portrayed father’s role in daughter’s life so nicely. I really liked the line….Bahar se guess hai kerte…..per chori se Khushi ka dhyan hai rakhte…..this is the real father. My father also used to do the same.
God bless you and keep on writing and take out your hidden talent.
So proud of you my dear…love you
June 6, 2020
Very beautiful poem.
June 6, 2020
Very good Diya your poem is full of love and real fealings.
June 6, 2020
Lovely lines Diya..
June 6, 2020
Very good beta
June 6, 2020
It’s excellent Diya it touch the
June 6, 2020
Very nice
June 6, 2020
Very good Diya
June 6, 2020
Very nicely written poem ..
June 7, 2020
Very nice . keep it up
June 7, 2020
Very good diyu
June 7, 2020
Nice Diya .keep it up.
June 7, 2020
Nice Daiya .keep it up.
June 7, 2020
Good Diya.
June 7, 2020
Excellent Diya.
June 7, 2020
Excellent Diya.