June 05, 2020 11Comments

पापा मेरी परछाई


तपती धूप ना देखी जिसने
देखी ना बारिश की बौछार,
ले उठा कंधे पर उसने
जिम्मेदारी परिवार का भार।

हो ना सके उन जैसा कोई
कर दिए अपनी इच्छाएं कुर्बान,
बोले बिना समझे जो कोई
पापा हैं ऐसे इन्सान।

है अगर जन्मदाता माता
बनाती तन मन से घर संसार,
पहचान दिलाते वह हैं पापा
अदभुत अनमोल है इनका प्यार।

सबका रखते ख्याल हैं पापा
कमी ना हाने देते कभी भी,
जान से ज्यादा चाहते हैं पापा
हारे ना वे ज़िन्दगी की कसौटी।

कहे जन्मदाता माता वरदायी
जीवन संवारे वो है पिताजी,
मुझे गर्व है हे सुखदायी
आप हो पापा मेरी परछाई।

-अजय आर्या, हल्द्वानी

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gtripathi

11 comments

  1. Superb Bhai

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  2. बहुत ही अद्भुत रचना
    बहुत महान हैं आप

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    1. Nyc poem best of luck

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  3. Bhut sunder sir

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  4. Super lines brother

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    1. Nice

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  5. Mast hai ajay bhaiya

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  6. बहुत सुंदर कविता प्रस्तुत करने के लिए सुक्रिया।

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  7. Aati sundar kavita hai ❤❤❤dil se naman hai pitaji ko

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  8. सुन्दर अभिव्यक्ति

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  9. Nice aj bhai

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