तपती धूप ना देखी जिसने
देखी ना बारिश की बौछार,
ले उठा कंधे पर उसने
जिम्मेदारी परिवार का भार।
हो ना सके उन जैसा कोई
कर दिए अपनी इच्छाएं कुर्बान,
बोले बिना समझे जो कोई
पापा हैं ऐसे इन्सान।
है अगर जन्मदाता माता
बनाती तन मन से घर संसार,
पहचान दिलाते वह हैं पापा
अदभुत अनमोल है इनका प्यार।
सबका रखते ख्याल हैं पापा
कमी ना हाने देते कभी भी,
जान से ज्यादा चाहते हैं पापा
हारे ना वे ज़िन्दगी की कसौटी।
कहे जन्मदाता माता वरदायी
जीवन संवारे वो है पिताजी,
मुझे गर्व है हे सुखदायी
आप हो पापा मेरी परछाई।
-अजय आर्या, हल्द्वानी
June 5, 2020
Superb Bhai
June 5, 2020
बहुत ही अद्भुत रचना
बहुत महान हैं आप
June 5, 2020
Nyc poem best of luck
June 5, 2020
Bhut sunder sir
June 5, 2020
Super lines brother
June 17, 2020
Nice
June 5, 2020
Mast hai ajay bhaiya
June 5, 2020
बहुत सुंदर कविता प्रस्तुत करने के लिए सुक्रिया।
June 7, 2020
Aati sundar kavita hai ❤❤❤dil se naman hai pitaji ko
March 12, 2021
सुन्दर अभिव्यक्ति
March 12, 2021
Nice aj bhai