निष्ठुर स्वभाव बाबुल का,
होता व्यवहार उदार।
हृदय में हर.पल प्यार,
अंदाज़ में फटकार।
मन में न कोई विकार,
मस्तक में वृहद विचार।
स्वप्न देखें जो हम,
करते पिता साकार।
निष्ठुर स्वभाव बाबुल का।।
लिया जन्म माँ की कोख से,
डरते हम बाबुल के कोप से।
माँ बनने का उन्हें दिया सम्मान,
करते पिता हम पर अभिमान।
बन परछाई रहते साथ,
पापा होते सबसे खास।
निष्ठुर स्वभाव बाबुल का।।
सोचूँ क्या लिखूँ,
पिता की तारीफ़ में।
उन्होंने बुलन्दगी लिख दी हमारी,
अपनी जिंदगी की तकलीफों में।
पिता के ये दृढ़ विचार,
हम करें जीवनभर परोपकार।
निष्ठुर स्वभाव बाबुल का।।
-मनीषा जोशी, अमरोहा
June 11, 2020
superb writing Manisha good keep going