June 11, 2020 0Comment

तुम मेरे लिए महान थे

मुझको जीवन देने वाले
तुम मेरे लिए महान थे
खुद तपती धूप में चलते थे
करते पथ मेरा आसान थे
मुझे बालिका होने पर भी
शिक्षा ऊंची दिलाने वाले
हे पिता मेरे तुम भगवान थे
पिता ही तो बच्चों का
आसमान खुला सा होता है
उसका हाथ रहे सिर पर तो
राह आसान सा होता
जो पिता का साया उठ जाता
सिर उघड़ा सा रह जाता।
कोई सहारा जंच ना पाता
जीवन रीता सा रह जाता है
हरदम आंखों को आशा रहती
दीदार पिता के हो जाए
हकीकत में चाहे ना होवे
ख्वाब में दीदार तो हो जाए ।

-डॉ आभा सिंह भैसोड़ा

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